Sunday, April 24, 2011

ये ज़िन्दगी...

ज़िन्दगी इस कदर हमको रुलाती रही 
हर ख़ुशी पास आने से पहले दूर जाती रही 
ग़म से नाता है शायद अपना पिछले जन्म से 
तभी तो हर ख़ुशी ग़म में बदल जाती रही 

चाहा जो कुछ भी हमने न मिला हमको 
एक अधूरी सी चाहत बन के रह गया सब कुछ 
की कोशिश कभी हमने जीतने की कुछ भी 
तो हमारी ही किस्मत आ कर हमें हराती रही 

लड़ भी लेते हम मूकदर से 
गर कोई अपना होता 
और बदल भी देते हम शायद अपनी तकदीर को 
पर भागते रहे जिस मंजिल को पाने की खातिर 
वो मंजिल भी हमसे दूर जाती रही 

ऐसा नहीं के कोई नहीं था हमारा यहाँ 
हर रिश्ता है बनाया और अपनाया हमने 
और हर रिश्ते की खातिर खुद को भी है मिटाया हमने 
पर शायद कच्ची रह जाती थी गाँठ हर रिश्ते की 
जो थोडा सा खींचने पे ही खुल जाती रही 

बहुत रोये है हम हँसने के बाद हर वक़्त 
और बहते भी रहे है यह बेवफा आंसू इन आँखों से 
पर एक यह हंसी शायद वफादार है अपनी 
 जो हस हस के हर ग़म को छुपाती रही !!!

Wednesday, March 31, 2010

dedicated to all my beloved frens !!!

ख़ुशी भी दोस्तों से है, गम भी दोस्तों से है 
टकरार भी दोस्तों से है, प्यार भी दोस्तों से है 
रूठना भी दोस्तों से है, मानना भी दोस्तों से है 
बात भी दोस्तों से है, मिसाल भी दोस्तों से है 

नशा भी दोस्तों से है, शाम भी दोस्तों से है 
 ज़िन्दगी की शुरुवात भी दोस्तों से है, 
ज़िन्दगी मैं मुलाकात भी दोस्तों से है 
मोहब्बत भी दोस्तों से है, इनायत भी दोस्तों से है 

काम भी दोस्तों से है, नाम भी दोस्तों से है 
ख्याल भी दोस्तों से है, अरमान भी दोस्तों से है 
ख्वाब भी दोस्तों से है, माहोल भी दोस्तों से है 
यादें भी दोस्तों से है, मुलाकातें भी दोस्तों से है 

सपने भी दोस्तों से हैं, अपने भी दोस्तों से है 
या यूं कहूं यारो अपनी तो दुनिया ही दोस्तों से है !!!

Tuesday, March 30, 2010

MY DESTINY

!!! MY DESTINY !!!
(A dedication to my hubby)

My heart is in LOVE with you 
For the first time I am in LOVE with you. 
Even I have become a LOVER !!!
For the first time RESTLESS I feel, 
My HEART is in LOVE with you for the first time my DARLING!!!

Tell me what shall I do? 
Lost in thoughts, I am
I have lost my SLEEP. 
I can't stay AWAKE nor SLEEP, 
Now SEPERATION, I would not BEAR 
Says every MOMENT.... 
My HEART is in LOVE with you for the first time !!!

Wonder, why I feel like this 
Crazy about you I am, O 'DARLING' 
You have become a PART of my LIFE 
You quietly STEALS my heart!!!
My desire is to be in your ARMS
You should love only me, 
My love should be so STRONG !!!
My heart is in love with you for the first time !!!

If you say with a SMILE, 
I'll BREAK these customs
Even after death I shall not forget your PROMISE
I have taken BIRTH only for you
Your HEART & SOUL is only for me
That EMBRACES me, O 'BELOVED' 
My heart is in love with you for the first time !!!

PS:- It is not written by me

Tuesday, March 9, 2010

बचपन याद आया !!!




एक बार फिर अपना हाँ मेरा अपना बचपन याद आया
वो माँ का प्यार पापा की उंगुली पकड़ चलना याद आया
मुझे फिर वही हाँ वही अपना बचपन याद आया


याद आती है वो दोस्तों की टोली, वो बच्चों वाले खेल
रेत से बनाये वो घर, वो अपनापन वो बचपन
हाँ वो मेरा अपना बचपन


याद आये मुझे फिर से गुड्डे गुडिया अपने
और उनकी शादी करने जैसे हुआ करते वो सपने....
वो गुड्डे-गुडिया की शादी के खेल, वो मस्ती भरे पल याद आये
हाँ मुझे फिर से वो खुशियों भरे पल याद आये
याद आया मुझे मेरा हाँ वो मेरा अपना बचपन

काश होती मैं वापस उस बचपन में, जहाँ ना होता था कुछ तेरा-मेरा
जहाँ सब थे अपने ना था कोई भी पराया, याद आता है वो बात बात पर रोना बचपन का
दिल को छू जाती है अब तो छोटी सी बात कोई, अब इतनी छोटी-बड़ी बातें होती पर मैं ना रोई...
काश ये यादें सिर्फ यादें ना होती, तो माँ की गोद में फिर से मैं एक बार सर रखकर रोती
मेरा वो बचपन अभी भी मेरे साथ होता, काश मेरा बचपन फिर मेरे पास होता

मुझे फिर अपना बचपन याद आया हाँ वो मेरा अपना बचपन मुझे याद आया ...

Saturday, February 20, 2010

एक अनकही कहानी सी !!!

एक अनकही कहानी सी, 
पर है जानी-पहचानी सी 
सब की जुबानी सुनी सी, 
पर है फिर भी अनसुनी सी 
कभी हाँ तो कभी ना, 
कभी ऐसी तो कभी वैसी 
ये ज़िन्दगी है एक पहेली, 
एक अनसुलझी पहेली सी
कभी रोना कभी हसना है, 
कभी छुपाना तो कभी जाताना है 
कभी आना कभी जाना है, 
कहीं रूठना तो कहीं मानना है 
यहाँ कोई अपना कोई पराया है, 
कोई अपना होकर भी इतना बेगाना है 
कहीं प्यार की बहती नदियाँ, 
तो कहीं नफरत का अंगारा है 
क्या ये जागती आँखों से देखा एक सपना है
क्यूँ कोई दिल को लगता है अपना सा 
क्यूँ कोई अपने को है इतना प्यारा सा 
क्यूँ उसी के आने का इंतज़ार है 
क्यूँ इस भीड़ में एक वही लगता अपना है
कैसी ये उलझन कैसा ये भंवर है 
जो है अपना उसी को खोने का डर है 
ये ज़िन्दगी एक सपना है, 
एक उलझा एक अनकहा सपना ही तो है
है एक अनसुलझी पहेली सी 
ये ज़िन्दगी एक अनकही पहेली सी ...